अध्याय 1
परसों तो कंपनी में जोइनिंग चल रही थ. कल छुट्टी थी ॥ सो टुडे इस माय फर्स्ट डे हियर। They are arranging for the laptop n stationary etc. तब तक मैं मेल चेक कर रहा हूँ किसी दूसरे के पीसी पे. धीरे ध्रीरे समझ में आएगा क्या माहौल है यहाँ पे. तुम लोग सुनाओ अपने updates -
बधाई हो दोस्त :-) अब लैपटॉप रहेगा तो better connectivity रहेगी.. welcome to the corporate world :-)
अबे पहले वो कारपोरेट वर्ल्ड से बाहर था क्या?????????????????
कारपोरेट एक सिनेमा है जिसमे बहुत कुछ दिखाया गया है ;-)
गुड question - पहले जनाब सरकारी थे
बस बाबा कारपोरेट जगत में ऐसे मस्त रहते हैं जैसे साधू चिलम लगा के अपनी लंगोट में
अध्याय 2
betterकोन्नेक्टिविटी के लिए घर पे भी नेट लेना पड़ेगा बाबा....ऑफिस में तो पुरानी कंपनी में भी गंध मचाते ही थे....नई जगह में ज्यादा नही नेतिया सकते...पुराने होते ही यहाँ भी दामाद बन जाएँगे - जय हो
इन्टरनेट एक अच्छी चीज है.. भले ही हफ्ते में एक दिन खाना कम करके महीने का ४००-५०० रूपया उसमे दे - जनहित में जरी एक ज्ञापन :-)
बंगलोर में भी इन्टरनेट के लिए अर्जी दे दी गई है... अब यही हमारा नारा है..."हर घर में हो एक इन्टरनेट कनेक्शन - सपना भारत देश किया..."
अध्याय 3
मैं भी एक केस स्टडी बन के रहूँगा.....मकान बुक करा के वैसे ही भुखमरी का शिकार होने वाले थे.....अब नेट वेट ले के रही सही कसार भी पूरी कर ली जाए....."एक लखपति की भुखमरी से मौत"
मकान लेना एक साहस भरा कदम था… हम सबका पूरा सहयोग है दोस्त….. नही होगी एक लखपति की मौत… अब तुम अम्बानी के आदमी हो…. और वो सब कुछ ठीक कर देंगे.. इन्टरनेट के लिए तो परेसान कभी मत होइयो… वो तो उनके बाबू किया सपना था… वो देख लेगा…
मकान - रहने के एक जगह...काश हम घर ले पते तो लखपति मरता भी तो गम नही होता..हर बार माकन हे बनव्वाते खरीदते रहे...अल्ल्ल्ल्लाह्छ... नोट - कृपया घर और माकन के अन्तर को दिल से समझे और सोचे!!
अध्याय 4
बब्बू to neeraj_at_gmail.com से chat करोगे? बोलो… साथ में फ्री में singh shailesh_AT_gmail.com bhi mil jaayega….
मानों... इंडिया टुडे की न्यूज़ के साथ दैनिक जागरण बनारस एडिशन फ्री
जनता आज फॉर्म में दिख रही है...जी परसन्न हो गवा
विश्व पंचायती सम्मलेन
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हम ही हम है तो क्या हम है तुम ही तुम हो तो क्या तुम हो" क्या सोनू क्या रिंकू क्या बब्बू और फ़िर क्या बंटी
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पंचायत ख़त्म
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