आपको लगता होगा कि भारत को चीन से खतरा है, पाकिस्तान से खतरा है. पर मैं आपको आज एक अन्दर की बात बताता हूँ. किस्सा कुछ इस तरह है. कुछ दिनों पहले आपको याद होगा कि पाकिस्तान में श्रीलंका क्रिकेट खिलाडियों पे हमला हुआ था, और श्रीलंका के खिलाडी किसी तरह से बच गए थे. अंतरराष्ट्रीय महकमें में काफी हलचल मची थी. भारत में मीडिया ने इस घटना को बहुत ज्यादा हवा नहीं दी थी. पर असल में मामला काफी खराब हो गया था.
उधर श्रीलंका में खुफिया जानकारी के आधार पे पाकिस्तान को इसके लिए जिम्मेदार ठहराया था.
अच्छा ही है, कि श्रीलंका और पाकिस्तान में आपस में दुश्मनी नहीं है - और मामला वहीँ रफा दफा हो गया. फ़र्ज़ कीजिये श्रीलंका आक्रमण की तैयारी करता, तो क्या होता? अजी भाई जी, कुछ इस तरह हो गया होता..
श्रीलंका ने अपनी वो सारी मिसाइल निकाल ली जो कि लिट्टे से लड़ाई के बाद बची थी. अब लफडा ये था कि कोई भी मिसाइल की रेंज इतनी नहीं कि वो भारत को लांघते हुए पकिस्तान पे जा के गिरे. बड़ी भारी समस्या. भारत भी परेशान हो उठा. आप पूछेंगे - भारत का क्या जाता है - जिसको लड़ना है वो लड़े. अरे नहीं कक्का यहीं तुम धोखा खा गए. जरा सोचो - अगर श्रीलंका ने मिसाइल छोडी, तो वो तो भारत के ऊपर ही फुस्सी होगी न. तो भारत ने बीच-बचाव करना शुरू किया. सुरक्षा सलाहाकार समिति की बैठक में ये भी सलाह दिया गया की भारत देश को श्रीलंका की सहायता करनी चाहिए. वहीँ साउथ इंडिया के शांतिप्रिय प्रदेश घबरा गए. वरना अभी तक तो वो ये सोचते थे कि पाकिस्तान जितना भी हवा भर ले, इधर तक तो नहीं आयेगी उसकी मिसाइल. पर अब क्या होगा. न्यूज़ चैनल वालों ने चर्चा छेड़ दी - कि कर्नाटक, केरला, तमिलनाडु, सबसे सेफ कौन है. बस एक बार श्रीलंका की मिसाइल उनके प्रदेश के ऊपर से निकल जाए.
कुछ लोगों ने सलाह दी, कि भारत को कम से कम किराए पे अपना राकेट श्रीलंका को देना होगा. कि बम तो श्रीलंका का हो, पर किसी तरह से वो बम सुरक्षित तरीके से पकिस्तान में गिरे. पर लफडा ये कि, अंतर्राष्ट्रीय तबका इसकी मंजूरी देगा कि नहीं. आखिर कोई कानून तो ऐसा बनाना ही चाहिए कि अगर कोई देश दूर तक जाके लड़ना चाहता है, पर उसकी बम फेंकन ताकत उतनी नहीं है, तो दूसरे देश उसे कुछ राकेट किराए पे दे सकें. इसे मिसाइल हस्तांतरण के अर्न्तगत कतई ही नहीं देखा जाना चाहिए. आखिर एक देश को अपनी सेफ्टी वास्ते इतना तो करने ही देना चाहिए.
इन सबके बावजूद ... अगर पाकिस्तान और श्रीलंका के मिसाइल आपस में टकरायेंगे तो आखिर भारत के ही किसी शहर पे गिरेंगे. हे भगवान्.. भारत पूरी तरह से असुरक्षित. .. अगर पानी की लड़ाई हुई, तो श्रीलंका के जहाज इतने बड़े नहीं थे कि एक बार तेल भर के बिना भारत कि सीमा में प्रवेश किये बगैर पाकिस्तान से गोली बारी करें.
तो कुल ले दे के भारत के समझाने और भविष्य में मदद के आश्वासन देने के बाद और अंतर्राष्ट्रीय समुदाय के हस्तक्षेप के बाद मामला शांत हुआ.
आंय ये तो कमाल का एंगल निकाला आपने ...
ReplyDeleteहम सोचे कोई सीरियस पोस्ट होगी, यहाँ तो मौज ली जा रही है,
ReplyDeleteलीजिए लीजिए!
इसी मौज मस्ती से बस जिंदगी कट रही है सर जी, वैसे तो सीरियस बातें करने वाले बड़े अनुभवी हैं - हम तो बस यूं ही छोटी - छोटी चुटकियों के सहारे काट रहे हैं..
ReplyDeleteआपका आभार..
हा हा हा....इस एंगल से तो सोचा ही नहीं था :)
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