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तीन साल बाद वो भूल जाती थीं... अब हम जब क्लास ६ में थे तो वो ९ में थीं, अब भला हम उनके क्लास में तो जा नहीं सकते थे.. बड़ा परेशान करती थीं.. ये भी अजीब आदत थी.. कुछ भी पूछो तो कहेंगी - अभी ६ में हो ना, जब ९ में आओगे तो पता चलेगा. अभी बहुत आसान लग रहा है ना बेटा!! अभी थोड़े समय में पता चलेगा. अभी बोलो मैथ सेकंड (Maths -2) है तुम्हारे में .. नहीं ना !! तो जब ९ में ये सब्जेक्ट आएगा तब पता चलेगा. अभी कर लो मजा.
टुन्ना को आज अनायास ही ये वाक्या याद आता है. टुन्नी उससे तीन साल बड़ी थी. और ये आम नोंक झोंक इतनी स्वाभाविक थी कि, आज टुन्ना को एहसास होता है - कि जिन लोगो ने अपने जीवन में इस पल को नहीं जिया है, उन्होंने कितना कुछ मिस किया है.
जब टुन्ना कुछ समय के बाद टुन्नी के क्लास में पहुँचता .. तो हर विषय की किताबों में वो सवाल खोजता जिसका जिक्र टुन्नी अक्सर किया करती थी. पर अब तो टुन्नी ११ में थी. टुन्ना मन ही मन सोचता था, कि काश एक बार .... वही दूसरी तरफ टुन्नी मजे से टुन्ना को उसी तरह से टोपी पहनाते हुए आगे बढ़ती रही.
समय ने पलटा खाया. टुन्नी ने डबल ग्रेजुएशन किया. अब टुन्नी ने MBA में दाखिला ले लिया था. वही दूसरी तरफ टुन्ना ने ग्रेजुएशन के बाद एक दूसरे शहर में नौकरी शुरू कर दी. लगा की सब ख़त्म, पर कहानी अभी बाकी है दोस्त. टुन्ना की कंपनी ने काम के साथ-साथ MBA का मौका दिया. बस फिर क्या था, पलक झपकते ही टुन्ना ने दाखिला ले लिया - और अब शुरू हुआ चुनौती का दौर - लेकिन दोनों अलग शहर में थे - तो उनकी बाते फ़ोन पे ही होती थी. किस सब्जेक्ट में कितना आया पूछ लिया करते थे. पर टुन्नी का पलड़ा फिर भी भारी था. आखिर वो फुल टाइम MBA जो कर रही थी.
लीजिये टुन्नी पहुँची टुन्ना के शहर इन्टर्नशिप करने. टुन्ना से जितना बन पड़ा किया - आखिर उनके पास वर्क एक्सपेरिएंस था... तो टुन्नी के रिज्यूमे अपडेट से ले के जो बन पड़ा किया. जिन्दगी में पहली बार टुन्ना को इतनी ख़ुशी मिल रही थी पर फिर भी वो जब तक ये टुन्नी के मुह से नहीं सुन लेता कलेजे को ठंडक नहीं मिलती.
इससे पहले की टुन्नी कहीं नौकरी करती उसके पहले अचानक ही टुन्नी की शादी हो गई और वो काफी दूर चली गई. टुन्ना के हाथ से समय निकल चुका था. उसको मालूम था कि अगर वो आज टुन्नी से बोलेगा ... तो टुन्नी तपाक बोलेगी - "शादी करोगे तो पता चलेगा - अभी समझ रहे हो ना कि नौकरी बड़ी चीज़ है.. हुंह!!"
हा हा हा हा .......भाई... इसीलिए अब तक नहीं की.... कौन अपना मार्केट डाउन करे..........
ReplyDeleteजिंदगी कित्ती तेज भागती है न.....एक बार तो सिरा दिया होता ..टुन्ना को..
ReplyDeletebhut khub
ReplyDeleteshabdar
ha ha ha ha ha ha ha ha ha ha ha ...............
ReplyDeleteab mai kyaa bolun..........mera to hansate hansate pet dard ho gaya ....
ye maamala kabhi bhi khatm hone waala nahi nhai tunna ko bol dena ....
नहीं बताईये... ये तो बदमाशी है ना टुन्नी की..
ReplyDeleteab isame tunni ki kya badmaashi ... ab tunna 3 saal chota hai to 3 saal peeche hi to rahega ...
ReplyDeleteलिखना क्यूं थमा है इस ब्लॉग पर...नियमित लिखें, शुभकामनाएँ.
ReplyDelete@Udan Tashtari - शुक्रिया सर जी. आपके इसी उत्साहवर्धन से अभी तक हिम्मत को सहारा मिला हुआ है. जल्द ही लिखेंगे.
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